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मुख़्तार की मौत पर मयावती ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की, अखिलेश ने कानून व्यवस्था का शून्य काल बताया
01 Apr 2024
उत्तर प्रदेश के माफ़िया डॉन के रूप में मशहूर रहे पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हुई मौत पर सियासत तेज़ हो गयी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्तार अंसारी की मौत पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को यूपी की कानून व्यवस्था के शून्यकाल का उदाहरण बताया है। मुख्तार अंसारी के वकीलों ने पहले ही जेल में उनकी हत्या करने का संदेह जताया था। प्रशासन के मुताबिक गुरुवार शाम दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हुई।
मायावती ने मुख़्तार अंसरी की मौत पर दुख जाहिर किया है। मायावती ने कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो गंभीर आरोप लगाए गये हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है ताकि उनकी सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत को उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का शून्यकाल बताया है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। निम्नलिखित किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
- थाने में बंद रहने के दौरान
- जेल के अंदर आपसी झगड़े में
- जेल के अंदर बीमार होने पर
- न्यायालय ले जाते समय
- अस्पताल ले जाते समय
- अस्पताल में इलाज के दौरान
- झूठी मुठभेड़ दिखाकर
- झूठी आत्महत्या दिखाकर
- किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर
ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैरकानूनी है। जो हुकूमत जिंदगी की हिफाजत न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर दुख जाहिर करा। शिवपाल ने कहा मुख्तार के परिवार से हमारे पुराने रिश्ते रहे है। मुख्तार के परिवार का आजादी की लड़ाई योगदान रहा है। मुख्तार की मौत संदेह के घेरे में है। कोर्ट को इस मामले को खुद संज्ञान लेना चाहिए। जेल में मौत होना सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठता है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुख्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था कि उन्हें जहर दिया गया था। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर ध्यान नहीं दिया। यह बहुत ही निंदनीय और अफसोसजनक बात है।
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख़्तार अंसारी की गुरुवर देर मौत हो गई। मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर व मऊ समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर पुलिस ने भारी संख्या में फोर्स लगाई गई है। मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है।